21/07/2024

श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवाद मामले में, इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

By Vishal Ki Report जनवरी 16, 2024

 


सुप्रीम कोर्ट से श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवाद मामले में बड़ा आदेश आया है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश फर अगले आदेश तक रोक लगाते हुए मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए नियुक्त आयुक्त यानी कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की अदालत मामले की सुनवाई जारी रखें । पूरे मामले पर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की टीम ने शाही ईद का मस्जिद कमेटी की तरफ से दी गई एक विशेष याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के 14 दिसंबर के आदेश पर रोक लगा दिया है।

बता दे 14 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश दिया था इस पूरे मामले में मस्जिद का सर्वे करना था। मस्जिद कमेटी की तरफ से वकील तस्लीम रहमानी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए और वकील ने तर्क दिया। की जब पूजा स्थल अधिनियम 1991 के तहत मथुरा मामले को खारिज करने का अभी तक कोर्ट में लंबित है । ऐसे में हाई कोर्ट सर्वे का आदेश नहीं दे सकता है। इस पर सुप्रीम कोर्ट की पीठ में पूरे मामले में वकील के तर्क को सही माना और हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम आदेश तक रोक लगा दी है और पूरे मामले में हिंदू पक्ष को नोटिस जारी कर मामले का जवाब मांगा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में जारी रहेगी।

पूजा स्थल अधिनियम 1991

पूजा स्थल अधिनियम 1991 भारत की संसद से पारित एक कानून है, जो 15 अगस्त 1947 तक के अस्तित्व में आए हुए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को एक आस्था से दूसरे धर्म में परिवर्तित करने और किसी भी स्मारक के धार्मिक आधार पर रखरखाव पर रोक लगाता है। इस अधिनियम का उद्देश्य सांप्रदायिक शांति और सद्भाव को बनाए रखना है। इस अधिनियम के उल्लंघन करने वाले को तीन साल तक की जेल और जुर्माना का सामना करना पड़ सकता है। इस अधिनियम से अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के मामले को अलग रखा गया था।

क्या है, श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद विवाद

श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवाद


श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर हिन्दू मंदिर का इतिहास काफी पुराना और विवादास्पद है। वर्तमान में, वहां पर तीन मुख्य मंदिर हैं – केशवदेव मंदिर, गर्भ गृह मंदिर और भागवत भवन। इन मंदिरों को 20वीं शताब्दी में नए मंदिर परिसर का निर्माण किया गया था।

इससे पहले, इस स्थान पर कई बार मंदिर का निर्माण और तोड़फोड़ हुआ है। परंपरा के अनुसार, श्रीकृष्ण के परपोते वज्रनाभ ने पहला मंदिर बनवाया था। इस मंदिर को 1017 या 1018 में गजनी के महमूद ने तोड़ दिया था। फिर 1618 में ओरछा के राजा वीर सिंह बुंदेला ने दूसरा मंदिर बनवाया था। इस मंदिर को 1670 में मुगल शासक औरंगजेब ने तोड़कर उसके ऊपर शाही ईदगाह मस्जिद बनवाई थी। फिर 1750 में मराठा शासकों ने तीसरा मंदिर बनवाया था। इस मंदिर को 1790 में अवैध रूप से तोड़ दिया गया था।

इसके बाद, इस स्थान पर कई विवाद और मुकदमे हुए हैं। अंग्रेजों ने इस जमीन को नजूल भूमि घोषित कर दिया था। बाद में, इसे बनारस के राजा पटनीमल ने खरीदा था। उनके वारिसों ने इसे श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को दे दिया था। मुस्लिम पक्ष के दावे को कई बार कोर्ट ने खारिज किया है। अब, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित स्थल का सर्वे करने का आदेश दिया है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वे पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद

मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद और श्रीकृष्ण जन्मभूमि के बीच के विवाद के बारे में जानना चाहते हैं तभी आप इस खबर को पढ़ रहे हैं। यह एक बहुत ही संवेदनशील और विवादास्पद मुद्दा है, जिसमें कई पक्षों के दावे और विरोध हैं। मैं आपको इसके बारे में कुछ तथ्य बताने की कोशिश करूंगा, लेकिन मेरा उद्देश्य किसी भी पक्ष का समर्थन या विरोध करना नहीं है।

मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण 17वीं सदी में मुगल बादशाह औरंगजेब ने करवाया था। यह मस्जिद श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास ही स्थित है।

कुछ हिंदू संगठनों का दावा है कि यह मस्जिद श्रीकृष्ण जन्मभूमि के प्राचीन मंदिर के ऊपर बनाई गई है, जिसे मुगलों ने तोड़ दिया था। इसलिए, वे इस मस्जिद को तोड़ने और मंदिर को पुनर्निर्माण करने की मांग कर रहे हैं।

मस्जिद के प्रबंधकों ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि यह मस्जिद एक वैध और शांतिपूर्ण ढंग से बनाई गई है, और इसके नीचे कोई मंदिर नहीं है। वे इस मस्जिद को अपना धर्मस्थल मानते हैं, और इसे बचाने के लिए लड़ रहे हैं।

इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2023 में एक एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश दिया था, जिसे विवादित स्थल का सर्वे करना था।

By Vishal Ki Report

2017 में देश की राजधानी दिल्ली से पत्रकारिता में PGDJMC और MJMC पढ़ाई के साथ पत्रकारिता में उतारते हुए फर्स्ट डिग्री पास करने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अल- जजीरा , राइटर और एजेंसी ऑफ फ्रांस प्रेस AFP और गूगल न्यूज़ इंस्टिट्यूट के साथ पत्रकारिता फैक्ट चेक , टीवी पत्रकारिता और डिजिटल पत्रकारिता क्षेत्र में ( TV + PRINT + DIGITAL ) में अनुभव के साथ एक दर्जन से अधिक सर्टिफिकेट कोर्स पास के साथ पत्रकारिता करने का 7 वर्षों का देश के अलग-अलग हिस्सों का अनुभव....

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