आज संसद में बिहार के आरा से CPL (ML) सासंद सुदामा प्रसाद ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि देश के लाखों छोटे निवेशकों का पैसा सहारा इंडिया में फंसा हुआ है जो अपने बेटों बेटियों के पढ़ाई लिखाई, शादी व्याह तथा जीवन के गंभीर स्थिति में सहयोग के लिए निवेश किया था।
लेकिन उन सभी निवेशकों का पैसा नही वापस हुआ। सहारा की विभिन्न निवेश स्कीमों के निवेशक जो समाज के गरीब वर्गों से आते हैं, उनके मेहनत का निवेश किया गया पैसे का रिफंड (धन वापसी) सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के वर्ष बाद भी आज तक नहीं दिया जा सका है। उन्होंने कहा कि कल सदन में वित्तमंत्री के जवाब से सरकार की मंशा साफ हो गई है
सरकार ने किसी भी प्रश्न का सही जवाब नही दिया है। आगे उन्होंने कहा कि सरकार यह कह रही है कि पैसा क्लेम करने लोग नही आ रहें हैं जो सही प्रतीत नही लग रहा है। लोग परेशान हैं कि उनका पैसा कैसे मिलेगा। इसलिए हमारी मांग है कि गरीब पोर्टल से आवेदन करने में असमर्थ है इसलिए विभिन्न तरीके अपनाया जाए जिसमे एजेंट के द्वारा भी पैसा वापस किया जाए।
Sahara crcs refund portal पर दावा करने वाले निवेशक है परेशान
पिछले साल 18 जुलाई 2023 को गृहमंत्री अमित शाह जी ने सहारा सीआरसीएस रिफंड पोर्टल सहारा इंडिया की 4 समिति के निवेशकों को पैसा लौटाने के लिए जारी किया था जिसमें प्रथम किस्त के रूप में 10000 रुपए मिलना था जिसमें बाद में रिजर्वेशन 5 लाख तक बढ़ा दिया गया अधिकतर लोगों का सहारा रिफंड पोर्टल में पैसा रिफंड नहीं हो पाया। एक करोड़ से ज्यादा आवेदन करने वालों में से केवल चार लाख 20 हजार लोगों को ₹10000 की आसपास का अमाउंट मिला है। संसद से लेकर चुनावी बयान तक सरकार पूरा पैसा देने का वादा और दावा करती रही है लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा कुछ भी दिखता हुआ नजर नहीं आ रहा है पोर्टल के माध्यम से पैसा जिस धीमी रफ्तार से मिलता हुआ प्रतीत होता है उसे तरीके से सैकड़ो साल लग जाएंगे
सरकार को निवेशकों के हितों को देखते हुए कम समय में अधिक से अधिक निवेशकों को रिफंड प्राप्त हुआ ऐसी मजबूत विकल्प की खोज करने की जरूरत है।