21/11/2024

22 साल पहले लापता बेटा साधु बनकर वापस लौटा, मां से मांगी भिक्षा, पूरा गांव रोया वीडियो वायरल

By Vishal Ki Report फरवरी 8, 2024

22 साल पहले सन 2002 में दिल्ली में पिता के साथ पढ़ाई कर रहा 11 साल का बच्चा अरुण कुमार अचानक लापता हो गया। घरवाले इधर – उधर खोजते रहे। लेकिन उसका कोई पता नहीं चला लेकिन 27 जनवरी को वही लापता बच्चा साधु बनकर सारंगी बजाते हुए अपनी मां से भिक्षा मांगने अमेठी जिला के अपने गांव पहुंचा। इस दौरान उसकी चाची और बुआ ने पहचान लिया।

बुआ के साथ बैठा जोगी

अमेठी जिला के जयास थाना क्षेत्र खरौली गांव निवासी रतिपाल दिल्ली में रहकर कामकाज करते थे 31 अक्टूबर 1992 को जन्म उनका बेटा 22 साल पहले लापता हो गया जब वह गांव पहुंचा तो उसकी सूचना। उन्हें मिली उसके बाद वो दौड़े हुए घर आए बेटे को देखकर उनकी आंखें नम हो गई। झारखंड की पारस धाम में संन्यास की दीक्षा ली। जिसके बाद गुरु के आदेश पर अयोध्या से लौटते हुए संन्यास की सफलता के लिए भिक्षा मांगी अपनी बुआ के साथ बैठा सन्यासी वही 22 साल पहले लापता बच्चा है… उसके पिता ने बताया जब वह सात आठ साल का था उसकी माता का भगवती देवी का निधन हो गया था। उन्होंने उसके पालन पोषण के लिए शादी नहीं की लेकिन जब वो लपता हो गया तो उन्होंने शादी की।

लापता बेटे के संयासी बन की वापस आने के बाद पिता को बेटा को पाने की खुशी परिजनों के चेहरे पर दिख रही है लेकिन अब बेटे के वापस जाने का गम भी… गांव के लोगों ने भिक्षा में 14 से 15 कुंटल अनाज दीक्षा के सफलता के लिए भिक्षा में दिया है। पिता ने बातचीत के लिए मोबाइल भी दिया है।
इस मामले का एक अंश का वीडियो आपको विशाल की रिपोर्ट पर पहले से प्रकाशित मिल जाएगा…..

22 साल बाद जोगी बनकर वापस लौटा बेटा वीडियो वायरल

अमेठी में 22 साल बाद साधु बनकर लौटा बेटा

पूरे मामले की संक्षिप्त रिपोर्ट……

  • उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के रतिपाल सिंह का बेटा पिंकू 2002 में 11 साल की उम्र में अपने पिता के साथ कंचे खेलने को लेकर हुए विवाद के कारण दिल्ली चला गया था.
  • पिंकू के परिवार ने उसकी तलाश में दिल्ली और अन्य शहरों में बहुत घूमा, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला
  • 22 साल बाद, पिंकू एक साधु बनकर अपने गांव में भिक्षा मांगने लौटा
  • उसकी मां ने उसे पहचान लिया, और उसके आंसू नहीं रुके
  • पिंकू ने बताया कि वह दिल्ली में एक आश्रम में रहकर साधना करता रहा, और अब वह एक जोगी है
  • पिंकू के परिवार ने उसे घर में रहने के लिए मनाया, लेकिन वह मना कर दिया
  • पिंकू ने कहा कि वह अपने गुरु के साथ वाराणसी जाना चाहता है, और उसने अपने परिवार से विदा लेकर चला गया

विश्लेषण

  • पिंकू की कहानी एक दुखद और अद्भुत घटना है, जिसमें एक बच्चा अपने घर से दूर चला गया, और एक साधु बनकर वापस आया.
  • पिंकू के परिवार को उसकी वापसी पर खुशी तो हुई, लेकिन वह उनके साथ रहने को तैयार नहीं हुआ, जिससे उन्हें गम भी हुआ.
  • पिंकू का जीवन एक उदाहरण है, कि कैसे एक छोटी सी बात पर एक बड़ा फैसला लेने से कितना बदल जाता है.
  • पिंकू की कहानी हमें यह भी सिखाती है, कि जीवन में कभी भी कुछ भी हो सकता है, और हमें हर पल अपने परिवार का साथ देना चाहिए.

निष्कर्ष

  • अमेठी में 22 साल बाद साधु बनकर लौटा बेटा एक रोंगटे खड़े करने वाली और रुलाने वाली कहानी है, जिसमें एक बच्चा अपने घर से दूर चला गया, और एक साधु बनकर वापस आया.
  • इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है, कि हमें अपने परिवार के साथ अच्छे संबंध रखने चाहिए, और उनकी चिंता करनी चाहिए.
  • इस कहानी से हमें यह भी पता चलता है, कि जीवन में कुछ भी हो सकता है, और हमें हर पल तैयार रहना चाहिए.

By Vishal Ki Report

2017 में देश की राजधानी दिल्ली से पत्रकारिता में PGDJMC और MJMC पढ़ाई के साथ पत्रकारिता में उतारते हुए फर्स्ट डिग्री पास करने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अल- जजीरा , राइटर और एजेंसी ऑफ फ्रांस प्रेस AFP और गूगल न्यूज़ इंस्टिट्यूट के साथ पत्रकारिता फैक्ट चेक , टीवी पत्रकारिता और डिजिटल पत्रकारिता क्षेत्र में ( TV + PRINT + DIGITAL ) में अनुभव के साथ एक दर्जन से अधिक सर्टिफिकेट कोर्स पास के साथ पत्रकारिता करने का 7 वर्षों का देश के अलग-अलग हिस्सों का अनुभव....

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